कंपनी को यह "लेटर ऑफ अवार्ड" (एलओए) एमएसईडीसीएल द्वारा घोषित बोली में प्राप्त हुआ है। परियोजना बिजली खरीद करार के निष्पादन की तारीख से 18 महीनों के भीतर शुरू होगी। कंपनी की इस उपलब्धि पर, टाटा पावर के सीईओ और एमडी, डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा, “इतने बड़े पैमाने पर हाइब्रिड (पवन और सौर) बिजली उत्पादन परियोजना का काम मिलना टाटा पावर के लिए गर्व की बात है। यह हमारी कुल ऊर्जा क्षमता में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी को और बढ़ाएगी, इस प्रकार अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बाजार की अग्रणी कंपनी के रूप में हमारी स्थिति को मज़बूत करेगी। इससे दूसरे राज्यों को भी हरित ऊर्जा को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे देश में स्वच्छ ऊर्जा का युग लेकर आने में योगदान दिया जाएगा।"
इसके साथ, टाटा पावर की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता 4907 मेगावाट तक बढ़ेगी, जिसमें 2953 मेगावाट संस्थापित क्षमता और 1954 मेगावाट क्षमता कार्यान्वयन के तहत है।
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