जयपुर. वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कला अभियान आर्ट-इको: एक सामाजिक सांस्कृतिक परियोजना, 2 फ़रवरी 2022 को दिल्ली से शुरू होगी और 5 फ़रवरी से 14 फरवरी तक जयपुर में Clark’s Amer में रहेगी. इस दौरान कलाकार आस-पास की heritage जगहों की प्राचीन इमारतों और लोक जीवन को अपनी कला में दर्शायेंगे.यह परियोजना हमारी विरासत, कला और संस्कृति को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है, कला और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से प्राचीन भारतीय इतिहास और समकालीन स्थानीय संस्कृति की समझ और पर्यावरण और पारिस्थितिक मुद्दों के प्रति जागरूकता पैदा करना इसका लक्ष्य है. अभियान की मुख्य आयोजक श्रीआंसी सिंह मनु, अध्यक्ष: भारतीय कलाकार संघ (महिला प्रकोष्ठ) प्रबंध निदेशक: श्रेयन्सी इंटरनेशनल,कला और संस्कृति संगठन, भारत ने बताया कि लगभग 4 माह लंबा ये अभियान दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़, कसौली, पंचेतिया,पाली, कुम्भलगढ,उदयपुर,आमेर,श्रीनगर, गुलमर्ग, करगिल,मुलबेख, नुबरा और लेह(लद्दाख) में 14 जून तक चलेगा. 84 अन्तरराष्ट्रीय कलाकार और भारतीय कलाकार इसमें भाग लेंगे. ये सेंट पीटर्सबर्ग मानवीय कार्यक्रम सेंटर, रूस के साथ, रूसी और भारतीय दूतावास,रूसी विज्ञान और संस्कृति विभाग (आरसीएससी) नई दिल्ली,ललित कला अकादमी,पर्यटन विभाग,कला और संस्कृति विभाग राजस्थान और विभिन्न शिक्षण संस्थानों औऱ आतिथ्य उद्योग के समर्थन और सहयोग से आयोजित किया जाता है. इन सभी कार्यक्रमों में चुनाव प्रक्रिया में सफल होने वाले सभी कलाकार निशुल्क भाग लेते हैं।
पिछले सालों में
यह अभियान रूस,
किर्गिस्तान, यूक्रेन, लातविया, इटली, स्लोवाकिया, मिस्र,
थाईलैंड, तुर्की, श्रीलंका, फ्रांस,
इराक,ऑस्ट्रिया, स्वीडन,
नेपाल तुर्कमेनिस्तान,बांग्लादेश,ईरान,पोलैंड जैसे 20 से
अधिक देशों के
100 से
अधिक अंतर्राष्ट्रीय कलाकार
के साथ देश
के विभिन्न स्थानों जैसे
बड़ौदा,सपुतारा, (गुजरात),
दहानू, नासिक (महाराष्ट्र) बीकानेर, जयपुर,
अजमेर, पुष्कर, कोटा,
बूंदी, उदयपुर, राजमहल,
झालावाड़ (राजस्थान), दीघा और कोलकाता (पश्चिम
बंगाल) देहरादून, सैंकुरा (उत्तराखंड)लेह
(लद्दाख) धर्मशाला, बीर,
कांगड़ा (हिमाचलप्रदेश) मोहाली, अमृतसर, जालंधर
(पंजाब) चंडीगढ़, दिल्ली
आदि में 2018 से
आयोजित किया जाता
रहा है. सभी
जगहों पर स्थानीय कलाकार
इसमें भाग लेते
हैं. स्कूलों और
कॉलेजों में विद्यार्थियों और
शिक्षकों के साथ कला
शिविरों, प्रदर्शनियों और इंटरैक्टिव sessions आयोजित किए
जाते हैं. अभियान के दौरान
कलाकार ज्यादातर ऐतिहासिक महत्व
के स्थानों पर,खुले में पेंटिंग करते
हैं, वे राहगीरों और
सामान्य रूप से लोगों
में बहुत रुचि
पैदा करते हैं
और कला के
सबसे महत्वपूर्ण पहलू-
मानसिक शांति और
मन की स्थिरता कि
ओर ध्यान दिलाने
में मददगार साबित
होते है, जो
कि विशेष रूप
से वैश्विक संकट
के इस समय
में आवश्यक है
श्रीआंसी सिंह अक्तूबर से
दिसम्बर तक रूस में
विभिन्न कला अकादमी, विश्वविद्यालयों और
कला प्रदर्शनियां में
आमंत्रित की गई , और
उन्होंने कला और शिक्षा
के क्षेत्र मे
भारतीय और रूसी
सहयोग को बढ़ावा
देने के नए
कार्यक्रमों की शुरुआत करने
पर चर्चा की.
कई कार्यक्रमों पर
सहमती की गई.
इसी श्रेणी में
भारत आने वाले
पहले रूसी व्यक्ती अफानाज़ी निकितिन की
यात्रा की 550वीं
वर्षगांठ के उपलक्ष्य में
एक अन्तरराष्ट्रीय कला
प्रतियोगिता का भी आयोजन
त्वेर संस्कृति विभाग
रूस के सहयोग
से किया जा
रहा है. इसमें
भाग लेने की
अंतिम तिथि 1 अक्तूबर 2022 है.
चयनित कलाकारों की
कृतियों की प्रदर्शनी सैंट
पीटर्सबर्ग, मॉस्को, दिल्ली,जयपुर
आदि शहरों में
नवम्बर 2022 में लगेंगी और
विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप
रूस जाने और
अन्तरराष्ट्रीय
कला परियोजना रशियन
अटलांटिस 2023 में भाग लेने
का अवसर प्राप्त होगा.