पहले 75 लाख रुपए से अधिक का कर्ज लेने पर एक कर्जदार को 7.15 प्रतिशत की ब्याज दर का भुगतान करना पड़ रहा था। फेस्टिव ऑफर्स की शुरुआत के साथ, एक उधारकर्ता अब किसी भी राशि के लिए 6.70 प्रतिशत की न्यूनतम ब्याज दर पर होम लोन प्राप्त कर सकता है। ऑफ़र के परिणामस्वरूप 45 बीपीएस की बचत होती है, जिससे 30 साल की अविध में 75 लाख रुपए के ऋण पर 8 लाख रुपए बचाए जा सकते हैं।
इसके अलावा, एक गैर-वेतनभोगी उधारकर्ता के लिए लागू ब्याज दर एक वेतनभोगी उधारकर्ता की तुलना में 15 बीपीएस अधिक थी। लेकिन एसबीआई ने अब वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी उधारकर्ता के बीच इस अंतर को हटा दिया है। अब, संभावित होम लोन उधारकर्ताओं से कोई ऑक्यूपेशन-लिंक्ड ब्याज प्रीमियम नहीं लिया जा रहा है। इससे गैर-वेतनभोगी उधारकर्ताओं को 15 बीपीएस की और ब्याज बचत होगी।
उत्सव का स्वागत करने और बाजार की भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए स्टेट बैंक ने प्रोसेसिंग शुल्क को पूरी तरह से माफ कर दिया है और बैंक उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर के आधार पर आकर्षक ब्याज रियायत प्रदान करता है।
एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर (रिटेल और डिजिटल बैंकिंग) श्री सी एस सेट्टी ने
कहा, ‘‘हमें अपने संभावित होम लोन ग्राहकों के लिए फेस्टिव
ऑफर्स की शुरुआत करते हुए खुशी का अनुभव हो रहा है। आम तौर पर,
रियायती ब्याज दरें एक निश्चित सीमा तक के ऋण के लिए लागू
होती हैं और ये उधारकर्ता के पेशे से भी जुड़ी होती हैं। पर इस बार हमने ऑफ़र को और अधिक
आकर्षक बना दिया है और यह ऑफ़र उधारकर्ताओं के सभी वर्गों के लिए उपलब्ध हैं,
भले ही ऋण राशि और उधारकर्ता का पेशा कुछ भी हो। 6.70
प्रतिशत होम लोन ऑफर बैलेंस ट्रांसफर के मामलों पर भी लागू
होता है। हमारा मानना है कि त्योहारी सीजन में जीरो प्रोसेसिंग फीस और रियायती ब्याज
दरों के कारण घर खरीदना अब और अधिक किफायती हो जाएगा। हमारे देश ने महामारी के दौरान
जबरदस्त मजबूती और लचीलापन दिखाया है। प्रत्येक भारतीय के लिए बैंकर होने के नाते,
हम सभी के लिए आवास को सक्षम करके अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित
करने में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
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