मुंबई, 27 अगस्त, 2021:
अंबुजा सीमेंट और एसीसी लिमिटेड, कार्बन फुटप्रिंट को कम
करने, सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने, प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखने और
समुदायों के कल्याण हेतु ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है। इंटरमीडिएट एसबीटी के
लिए वर्ष 2030 तक और पैरेंट कंपनी होल्सिम के लिए वर्ष 2050 तक ‘नेट जीरो’ लक्ष्य
के अनुरूप, अंबुजा सीमेंट और एसीसी ने ग्रीन प्रोडक्ट्स के जरिए टिकाऊ विनिर्माण
को उपयोग में लाने का इंडस्ट्र-फर्स्ट एप्रोच अपनाया है, ताकि भारत में कार्बन
डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम किया जा सके।
नवाचार और शोध एवं विकास के माध्यम से, कंपनियों ने हाई-परफॉर्मिंग एवं सर्कुलर कंस्ट्रक्शन के लिए
हरित और जिम्मेदार उत्पादों की श्रृंखला विकसित की है। ये उत्पाद एसडीजी 9 और 11 के प्रति अंबुजा सीमेंट और
एसीसी के योगदान को बढ़ावा दे रहे हैं और हमारे टिकाऊ उत्पाद संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों
(यूएन एसडीजी) में योगदान देंगे।
अंबुजा सीमेंट के उत्पाद पोर्टफोलियो का ~90% लो कार्बन फ्लाई ऐश आधारित पीपीसी और मिश्रित सीमेंट है।
पुरासैंड, एएसी कूल वॉल ब्लॉक्स, अंबुजा कवच, अंबुजा रूफ प्लस और कम्पोजिट प्लस जैसे नए उत्पाद, टिकाऊ निर्माण
के अनुरूप हैं। नया टिकाऊ उत्पाद, अंबुजा कवच, विशेष रूप से तैयार किया गया उत्पाद है जिसमें पानी से बचाने
वाली उच्च गुणवत्ता वाली खूबियां मौजूद हैं और ये सभी निर्माण अनुप्रयोगों (नींव, स्लैब और दीवारों) में पानी के रिसाव के खिलाफ एक ढाल का
काम करते हैं तथा यह सुनिश्चित करता है कि इमारतें कठोर मौसमी स्थितियों में भी
अप्रभावित रहें। अंतरराष्ट्रीय संगठन सोलर इंपल्स फाउंडेशन द्वारा इसे उपयुक्त समाधान
के रूप में प्रमाणित किया गया था।
इसी तरह, एसीसी के लो कार्बन कंक्रीट इकोपैक्ट ने बिल्डर्स,
एवं इको-कंशस इंडिविजुअल होम बिल्डर (आईएचबी) की कंपनी की कम्यूनिटी पर सकारात्मक
प्रभाव डालने के लिए इसे सुसज्जित किया है। ईकोपैक्ट की नयी निर्माण प्रक्रिया
कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को 100% तक घटाती है और
विनिर्माण उद्योग के लिए टिकाऊ पेशकशों को बढ़ाती है।
होल्सिम के सीईओ इंडिया और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के एमडी
व सीईओ, नीरज अखौरी ने कहा, ‘’यूनाइटेड नेशंस
सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (यूएनएसडीजी), महत्वाकांक्षी एवं ज़रूरी हस्तक्षेप
है और यह व्यवसायों के लिए एक व्यावहारिक ढांचा प्रदान करता है ताकि वो टिकाऊपन
की अपनी प्रक्रिया तैयार कर लें। अंबुजा सीमेंट और एसीसी में, टिकाऊपन की हर पहल
यूएनएसडीजी के एक या एक से अधिक लक्ष्यों से जुड़ी है क्योंकि सस्टेनेबिलिटी
जीवन का एक तरीका है और इसलिए, हम बढ़-चढ़कर ऐसी कार्य-योजनाएं लाते रहेंगे जिनसे
टिकाऊ निर्माण एवं चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।‘’
इसके अलावा, यूएनएसडीजी के लक्ष्यों के अनुरूप, दोनों ही
कंपनियों ने ऐसी पहलें की हैं जो चार प्राथमिक क्षेत्रों पर केंद्रित हैं – जलवायु
एवं ऊर्जा, चक्रीय अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और जनजीवन।
अंबुजा सीमेंट, इंडस्ट्री की इकलौती ऐसी सीमेंट कंपनी है
जिसे 8 बार वाटर पॉजिटिव प्रमाणित किया गया है। वर्ष 2020 में, अंबुजा ने अपने
सीमेंट उत्पाद के प्रति टन विशिष्ट शुद्ध कार्बन डाईऑक्साइड को घटाकर 531
कि.ग्रा. किया। चक्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए, अंबुजा ने अपने
भट्ठों और कैप्टिव पावर प्लांट्स में लगभग 2.75 लाख टन कचरे को को-प्रोसेस किया जिसमें
83,000 टन से अधिक प्लास्टिक कचरा था। कुल मिलाकर, इसने लगभग 8 मिलियन टन कचरे से
निकाले गये वैकल्पिक कच्चे माल जैसे फ्लाई ऐश, स्लैग एवं सिंथेटिक जिप्सम का
विनिर्माण प्रक्रिया में उपयोग किया।
इसी तरह, एसीसी विज्ञान आधारित लक्ष्यों
के साथ नेट जीरो प्लेज पर हस्ताक्षर करने वाली पहली भारतीय सीमेंट कंपनी है। एसीसी
के पास विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) द्वारा समर्थित 2030 कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य हैं। कंपनी ने ‘’बिजनेस
एंबिशन फॉर 1.5°C’’ प्लेज पर हस्ताक्षर किए हैं और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र
फ्रेमवर्क कन्वेंशन के रेस टू जीरो अभियान में शामिल है। यह एसीसी को एसबीटीआई द्वारा
अनुमोदित 2030
मध्यवर्ती लक्ष्यों के साथ ‘’बिजनेस एंबिशन फॉर
1.5°C’’ प्रतिबद्धता पर हस्ताक्षर करने वाली भारतीय निर्माण क्षेत्र
की पहली कंपनी बनाती है।
एसीसी ने अपने विज्ञान-आधारित लक्ष्यों को विकसित करने
के लिए सीडीपी इंडिया के एसबीटीआई
इनक्यूबेटर प्रोग्राम के साथ
भागीदारी की। एसीसी के एसबीटीआई अनुमोदित लक्ष्य वार्मिंग को 2
डिग्री सेल्सियस से नीचे तक सीमित करने
के लिए आवश्यक कटौती के अनुरूप हैं। एसीसी लिमिटेड 2018 के आधार वर्ष* से 2030
तक 1 जीएचजी उत्सर्जन 21.3%
प्रति टन सीमेंटयुक्त सामग्री के दायरे
को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। एसीसी लिमिटेड एक ही समय सीमा के भीतर 2
जीएचजी उत्सर्जन 48.4%
प्रति टन सीमेंटयुक्त सामग्री के दायरे
को कम करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
दोनों कंपनियों ने अपने डी-कार्बोनाइजेशन एजेंडे
को भी तेज किया है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पन्न करना है। एजेंडा को कई उपायों के
माध्यम से चलाया जायेगा, वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम (डब्ल्यूएचआरएस) से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने
और सीमेंट निर्माण में उपयोग किए जाने वाले क्लिंकर की मात्रा को कम करने के लिए। ये
पहलें सकारात्मक बदलाव लाने के लिए स्थिरता में एसीसी और अंबुजा सीमेंट की ठोस नींव
को और मजबूत करती हैं।
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