आईआईएफएल फाउंडेशन की निदेशक सुश्री मधु जैन ने फोरम में ‘सोशल एंटरप्रेन्योर आॅफ द ईयर’ पुरस्कार प्राप्त किया। इस पुरस्कार के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, गरीबी उन्मूलन और महामारी से लड़ने के लिए लागू किए गए उपायों के लिए उनके अमूल्य योगदान को मान्यता दी गई।
सखियों की बाड़ी (एसकेबी) देश के सबसे बड़े और सबसे सफल बालिका शिक्षा कार्यक्रमों में से एक है, जिसकी सहायता से सिर्फ चार साल की अवधि में राजस्थान में 36,000 से अधिक ऐसी बालिकाओं को स्कूली शिक्षा से जोड़ा गया है, जो तमाम कारणों से पढ़ाई-लिखाई से वंचित थीं।
पिछले एक साल के दौरान जबकि महामारी के कारण उपजे हालात के बाद देश में बार-बार लॉकडाउन के लागू होता रहा, इसके बावजूद, टीम एसकेबी ने सुनिश्चित किया कि इन लड़कियों के लिए सीखने की प्रक्रिया निर्बाध रूप से जारी रहे। शिक्षा प्रदान करने वाले दक्ष (शिक्षकों) सदस्यों को शिक्षण के ऑनलाइन तरीकों से परिचित कराने के टीम के अथक प्रयासों के कारण यह संभव हुआ।
टीम को इस दौरान अनेक बाधाओं का सामना भी करना पड़ा, जैसे मोबाइल हैंडसेट का न होना, कमजोर नेटवर्क कनेक्टिविटी और जूम, गूगल मीट आदि डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में दक्षों की नगण्य समझ, लेकिन टीम ने अपने अथक प्रयासों से इन तमाम बाधाओं को पार किया। फाउंडेशन ने दक्ष सदस्यों के कौशल को और उन्नत बनाने के लिहाज से डिजिटल साक्षरता, बुनियादी और उन्नत अंग्रेजी और वित्तीय साक्षरता पर ऑनलाइन सत्र आयोजित किए। उन्हें यह भी सिखाया गया कि पीडीएफ दस्तावेजों जैसे डिजिटल लर्निंग टूल्स का उपयोग कैसे करें। फिर उन्होंने लड़कियों और समुदाय के साथ इस ज्ञान को साझा किया। इस प्रकार, यह सुनिश्चित किया गया कि एसकेबी में सीखने की प्रक्रिया कभी थमने नहीं पाए।
आईआईएफएल फाउंडेशन की निदेशक सुश्री मधु जैन ने कहा, ‘‘हमारी टीम कठिन समय के दौरान भी स्कूल छोड़ने वालों और अनपढ़ लड़कियों को कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करने के हमारे उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण इलाकों में वंचित लड़कियों को डिजिटल शिक्षा देना कोई आसान काम नहीं था। लेकिन हमारी टीम की कड़ी मेहनत, समर्पण, समाधान तलाशने वाली मानसिकता और हितधारकों के साथ गहरे संबंधों ने इसे बहुत आसान बना दिया है।’’
‘‘कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुए मानवीय संकट ने मेरे सोशल एंटरप्रेन्योरशिप संबंधी अभियान को गति दी है। मैं वास्तव में भाग्यशाली हूं कि समाज के लिए कुछ करने में सक्षम हूं। हमने अब स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और आजीविका के क्षेत्रों में अधिक हस्तक्षेप के साथ अपनी सामाजिक पहुंच का दायरा बढ़ा दिया है।’’
निश्चित तौर पर इस तरह के पुरस्कार टीम को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। आईआईएफएल फाउंडेशन आगे भी अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में सकारात्मक प्रभाव डालता रहेगा।
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