इलेक्ट्रिक वाहनों का व्यापार अब अपना रूप बदल रहा है और बहुत तेजी से आगे बढने जा रहा है। ऐसे समय में कम्पनी के ढंाचे में इस बदलाव से जरूरी संसाधन मिलने और लक्षित वृद्धि प्राप्त करने में सहायतता मिलेगी।
प्रमुख बिंदु
– कंसोलिडेशन ईवी आॅपरेशन्स को दो श्रेणियों में बांटेगाः लास्ट माइल मोबिलिटी (एलएमएम) और इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक सेंटर
– कम्पनी में ढांचे को सरल बनाने से बडे़ पैमाने पर नवाचार, क्रियान्विती, उत्कृष्टता, दक्षता और मितव्ययता आएगी। इसके अलावा इससे शेयरहोल्डर वेल्यू अनलाॅक होगी।
– इससे एलएमएम वर्टीकल को लास्ट माइल मोबिलिटी साॅल्युशेन्स के लिए वेल्यू चेन का पूर्ण स्वामित्व मिलेगा और कम्पनी का काम व वृद्धि तेज होगी।
– वहीं ईवी टेक को एमआरवी, नाॅर्थ अमेरिका और यूरोप में एमएंडएम की उत्पाद विकास क्षमता के विस्तृत इकोसिस्टम का लाभ मिलेगा और संसाधनों की उपलब्धता होगी। इसके साथ ही साझेदारी की सम्भावनाओं को भी खोेजा जा सकेगा।
महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश जेजुरीकर ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहन आॅटोमोटिव व्यापार का भविष्य हैं। भविष्य की तैयारी के लिए हम मानते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों को मुख्यधारा का व्यापार का अंग बनना चाहिए। कंसोलिडेट करने के पीछे हमारी ईवी रणनीति है जो विभिन्न सेग्मेंट्स को इलेक्ट्रीफाई करना चाहती है ताकि ई-मोबिलिटी लोकप्रिय हो सके। हम ग्राहकों की जरूरत की गहरी समझ रखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में नए उत्पाद लाते रहेंगे।’’
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में काफी तेजी आई है और आने वाले समय में यह और बढ़ेगी। सिर्फ लागत की दृष्टि से ही नहीं बल्कि सस्टेनेबिलिटी की दृष्टि से भी इलेक्ट्रिक वाहन मोबिलिटी का भविष्य हैं। एमएंडएम ने पूरे ईवी इकोसिस्टम पर फोकस किया हुआ है, जिसमें लास्ट माइल कनेक्टिविटी, फ्लीट मोबिलिटी, पर्सनल मोबिलिटी और शोध व अनुसंधान शामिल है। इसमें तकनीक और नवाचार के ईंधन से तेजी सेे विकास होगा।
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