जयपुर(दिनेश शर्मा "अधिकारी")।राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण जयपुर के द्वारा राजस्थान सरकार, शिक्षा निदेशक व जिला शिक्षा अधिकारी अलवर से जवाब तलब करते हुए वसूली आदेश दिनांक 9 फरवरी 2021 पर रोक लगाई उल्लेखनीय है कि दिनेश चंद शर्मा जो कि पूर्व में बाल हित शिक्षा समिति द्वारा संचालित अनुदानित विद्यालय में 7 अगस्त 1992 को नियुक्त हुए तथा 2 वर्ष की परिवीक्षा के पश्चात 1 अगस्त 1994 कोई स्थाई घोषित हुई है तथा जुलाई 2011 को राजस्थान स्वैच्छिक ग्रामीण सेवा नियम 2010 के तहत राज्य सरकार में समायोजित किए गए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश पारित किया गया कि प्रार्थी को चयनित वेतनमान 1 अगस्त 1992 के बजाय 1 अगस्त 1994 से नियमित सेवाएं मानकर चयनित वेतनमान का लाभ दिया जावे प्रार्थी के अधिवक्ता डीपी शर्मा का तर्क था कि प्रार्थी की नियुक्ति विज्ञापन के जरिए 7 अगस्त 1992 को नियमित रूप से परिवीक्षा पर की गई थी तथा 2 वर्ष के पश्चात 1 अगस्त 1994 को स्थाई कर दिया गया प्रार्थी की नियमित नियुक्ति 7 अगस्त 1992 को हुई थी इसी को मान करके प्रथम चयनित वेतनमान का लाभ दिया गया और उसी के अनुरूप द्वितीय व तृतीय चयनित वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए विपक्षी वह आपके द्वारा जो पारित आदेश किया गया है वह बिना सुनवाई का अवसर दिया कि प्रदान किया प्रार्थी के अधिवक्ता का यह भी तर्क था कि जहां विज्ञापन के तहत नियमित नियुक्ति की गई हो तो ऐसी स्थिति में चयनित वेतनमान का लाभ प्रथम नियुक्ति से दिया जाना चाहिए न की स्थायीकरण की तिथि मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने वसूली आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार शिक्षा निदेशक जिला शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया।
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